रविवार, 22 अक्टूबर 2023

पर्यावरण

 आदरणीय साहित्यकार मंच

आज का चित्र आधारित सृजन


भावी पीढ़ी करे पुकार,

सुन लो हमारी मनुहार।

पेड़ देते है हमको सांसे,

करो न तुम उन पर प्रहार।


पेड़ बचे तो बचेगी धरती,

फल,फूल,अनाज वो देते।

हवा की करते रखवाली,

प्राणरक्षा जीवो की करते।


पूर्वज हमारे ज्ञानी ध्यानी,

धर्महित पेड़ो को जोड़े थे।

रोपण,सिंचन अर्चन कर,

पर्यावरण को सहेजे थे।


करते आप हमसे जो प्यार,

कर दे हम पर ये उपकार।

बनी रहने दे ये छत्रछाया,

ये है सबके जीवन आधार।


शीला अशोक तापड़िया

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