शनिवार, 26 जून 2021

मां मेरी मां

 श्री

जय श्री कृष्ण

मां का मां होना भी एक खूबी है

मां तो होती हीरा पन्ना मोती रूबी है

हम जब छोटे थे तब सुपर मोम जैसा शब्द नही जानते थे।

जानते थे मेरी मां सर्वोत्तम मां

जो वो थी।

उनका आचरण हमारे व्यवहार में उतरेगा ,इसके लिए वे सतत सजग रहती थी।

उनके नसीहतों के व्याकरण ने हमारी जीवन भाषा संवारी।

उनके मीठे बोल ह्रदय में प्यार की मिठास भर दिया करते थे।

उनके दिन महीनों वर्ष  की नियमावली

अब हमारा निबन्ध होगया है।

मेरी मां कहती थी,मतलब मेरी नानी कहती कि लाइन के साथ हमेबड़ी रोचकता के साथ ज्ञान पिला दिया करती थी।

रीत रिवाज ,गीत हो या बड़ी पापड़ जैसे कार्यक्रमो में मेरी निपुण मां पासपड़ोस में (जब पास पड़ोस हुआ करते थे )बड़े उत्साह से जाया करती थी।

पुराने कपड़े भी किसी को देना तो दुरुस्त करके देती थी।

काम बाली की बेटियों को भाइयो को राखी बंधवा कर उपहार दिलवाने मे उनको बहुत खुशी मिलती थी।।

समय और धन को संभालने का गजब मैनेजमेंट था।

एक को सवा दिखाने में अत्यंत माहिर थी।

लोगो से प्रेम से मिलने का उनका उत्साह अंत तक कायम रहा।

आज 64 वर्ष की उम्र में भी उनकी बेटी कहलाने का गर्व महसूस करते है।

   तुम्ही गुरु तुम्ही सखी

   तुम्ही बन कर बहना

   मां तुम ही पहनती रही

   अनुशासन का गहना

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