शनिवार, 26 जून 2021

गीता शिक्षा

 नव उमंगों के दीप जले

उत्साह रूपी कमल खिले

लेकर उमंगों की गागर हम

गीता ज्ञान अक्षरी भरने चले


साथ ही


कृष्ण मुख की वाणी का

उच्चारण अशुद्ध होने ना पाए

सम्भव हो तो परीक्षाएं उतीर्ण 

कर हम साधक कहलाये


सीढ़ी दर सीढ़ी हमको 

चढ़ना रास आरहा था

अक्षरो व शब्दों का जादू

जिज्ञासुओ को लुभा रहा था


स्वर,विसर्ग,मात्रा, हलन्त का

प्रभाव अगले शब्दो मे पड़ता है

ह्रस्व और दीर्घ अक्षर दोनो का

उच्चारण में असर पड़ता है


सुमधुर पुस्तिका का वाचन

सबको लालायित करता रहा

एकाग्रता से दीदी का पढ़ाना

सचमुच ह्रदय स्पर्शी रहा


तन्मयता से बिना किसी 

झुंझलाहट विद्या दीदी ने

हमे खूब पढ़ाया

मनोहर भैया ने भी अपना

 काम  बखूबी निभाया


प्रभु कृपा हुई गुरु से ज्ञान मिला

अगले स्तर पर प्रवेश का मन किया

गीता परिवार को व्यक्त आभार 

हम सभी ने बारम्बार किया।

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