माँ दुर्गे स्वीकारो नमन, नमन तुम्हे करता मेरा मन
माँ जब किरपा तुम्हारी होगी,
ज्ञान अमृत की वर्षा होगी
होगा सदविचारो का उदगम
सवर जायेगा अज्ञानी मन
करो क्रपा हर पल -हर छन
स्मरण करता तुम्हे मेरा मन,माँ शेरावाली स्वीकारो नमन.
तेरी दया जब हो जाये
बिगड़े काज सवर जाये,
क्लेश मिटे भव के सारे
दर्शन से सुख पा जाये
पुकार रहा हर जन मन
समर्पण करता तुम्हे मेरा मन,माँ दुर्गे स्वीकारो मेरा मन
लक्ष्मी सरस्वती भवानी हो
माँ अन्नपुर्णा,माँ काली हो,
केहरी वाहनी,खप्पर धारी
भक्तो की लाज बचाती हो
बन जाओ आशा की किरण,
आराधन करता मेरा मन,माँ अम्बे स्वीकारो नमन
नमन करता तुम्हे मेरा मन
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