शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

पापा की छतरी छाया

 पापा तो पापा होते है

खड़े अडिग,पहाड़ होते है

समस्या का समाधान लिए

बच्चो के आस्मां होते है


चित्र कह रहा कहानी सारी

आये विपदा  कितनी भारी

मैं हूं ना का यकीन भारी

झेलते है तकलीफ  सारी


आगे बढ़ते रुक ना जाते

प्रयास सफल सारे कराते

इंटरनेट की देने सुबिधा

छतरी तान खड़े हो जाते


पालक शानदार कहलाते  

भूमिका जानदार निभाते

सुर्खियां दे रही यश चन्दन

दुनिया करती तुमको वंदन


   शीला अशोक तापड़िया

    1 जुलाई 2021

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें