शनिवार, 26 जून 2021

तरबूज

 तरबूज वाले ने लगा कर  दुकान

आवाज लगाई आइये मेहरबान

ताजे ताजे मीठा लाल फल है ये

ले जाइए ले जाइए बाबू कदरदान


बातो ने उसके रंग जमाया 

हमने भी ताजे मीठे लाल

तरबूज खरीदने का मन बनाया

 उसकी मुस्कान को बढ़ाया


बात अभी सौदे पर ही अटकी थी

नजर एक अजनबी पर जा टिकी थी

तरबूज लौटने वो आया था

लाल नही सफेद फीका फल बताया था

हैरान  हम देख रहे थे नजारा

दुकान वाले का क्या होगा

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