शनिवार, 26 जून 2021

धरती माता

 मां तुझे प्रणाम


देती हमको सब कुछ 

माता ये हमारी है

सांसे चलती इनके दम

 इन पर बलिहारी है।


 पेड़ इसके छाया देते

हवा हुई सुखदायी है

प्यासा न रहे  कोई

पानी की धार बहाती है।


एक देते हजार देती है

अन्नपूर्णा हमारी  है

हम पर सब लुटाती

इसे बचाना जिम्मेदारी है।


आओ सब मिल करे जतन

नही तो आफत भारी है

बिजली पानी को व्यर्थ करे ना

हम पर मां का कर्जा भारी है।


संदेश सभी और फैलाये

हम ताकत इसकी बनजाये

देती हमको सब कुछ ये

माता ये कहलाती हमारी है।।

       शीला तापाडिया

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