5 जून विश्व पर्यावरण दिवस
माहेश्वरी साहित्यकार मंच
जय महेश🙏🙏
नाम : शीला अशोक तापड़िया
तारीख : ५/६/21
विषय : पर्यावरण-पृथ्वी का श्रृंगार
विधा : काव्य
वृक्ष लगाओ धरा बचाओ
*ना करें अब हम मनमानी है*
🌳🌴🌳🌴🌳🌴
आती जाती सांसो की जो
हम सुन रहे कहानी है
छेड़ छाड़ प्रकृति से करके
की हमने बहुत नादानी है
वृक्ष लगाओ धरा बचाओ
ना करे हम अब मनमानी है।
💧💦💧💦💧💦💧
जल ही जीवन कहते हम
सोच को दरकिनार किया
जल का सरंक्षण पेड़ो से
बात नही अनजानी है
वृक्ष लगाओ धरा बचाओ
ना करें हम अब मनमानी है।
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बहती हवा हमे कुछ कहती
मुझ से ही सांसे तुम्हारी महती
धूल धुंआ का उड़ता गुबार
सोचो , न करो आनाकानी है
वृक्ष लगाओ धरा बचाओ
ना करें हम अब मनमानी है।
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ध्वनि प्रदूषण जो हम करते
शोर गुल की अति है करते
बहरापन जैसे विकार आते
कह गए बात ज्ञानी ध्यानी है
वृक्ष लगाओ धरा बचाओ
ना करे हम अब मनमानी है
🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀
एकमात्र है अब तो सहारा
जीवनदायी सारे वृक्षो का
आक्सीजन प्रचुर हमे देते
कहते पर्यावरण विज्ञानी है
वृक्ष लगाओ धरा बचाओ
ना करे हम अब मनमानी है।
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#माहेश्वरी साहित्यकार मंच
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