शनिवार, 26 जून 2021

काटोल नागपुर

 KATOL 🌳2🌳NAGAPUR

गुनगुना रही थी सुबह

धूप भी थी खिली खिली

चल पड़े हम भी वँहा

राह जहाँ सबकी मिली

👨‍👨‍👧‍👧👬👭👫👭👨‍👨‍👧‍👦


कुछ नए कुछ पुराने 

साथीयो का साथ था

खेतो की पगडंडियों में

थामे एक दूजे का हाथ था

🤝🤝🤝🤝🤝

मटर बेर गन्ना अमरूद का

मुंह मे जबरदस्त स्वाद था

नास्ता और भोजन दोनो

क्या कहे लाजबाब था

😍😍😍😍😍

खेलो में छिपा हास  परिहास 

रिस्तो में घोलता मिठास

माटी की महक दिलो की चहक

मन को छू रही थी  खास

☘☘☘☘☘☘

अपनेपन की गठरी ये बंधी रहे

ढीली ना पड़े  पकड़ जतन यही रहे

साल दर साल  उत्सव ये मनता रहे

मन मे लिए प्यार  सिलसिला ये चलता रहे

🌳🌳🌳🌳🌳🌳

      शीला अशोक तापडिया

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