गुरुवार, 31 अक्टूबर 2013

deep diwali ke

दीप दीवाली के

दीप दीवाली के तुम यूँही जलते रहना
ले प्रकाश खुशियो का
 गलियो में निकलते रहना
रख ज्वलंत  ज्ञान की बाती
सूरज से ले जीवन पाती
हो जाय जग ज्योतिर्मय
यौवन से मचलते रहना
दीप दीवाली के..............
दीपक तले अँधेरा रहता
निस्वार्थ प्रेम कि गाथा कहता
परम्परा का बन प्रतीक
हर मन में मचलते रहना
दीप दीवाली के..............
नूतन प्रकाश हो झिलमिल
साथ रहे हम सब हिलमिल
समृद्धि मार्ग पर ले
सब को चलते रहना
दीप दीवाली के…………।
हो दूर दुखो कि सब कालिमा
सुखद भोर कि हो लालिमा
नवप्रभात हो मंगल मय
कामना ये करते रहना
दीप दीवाली के……………।
हर और प्रगति का गान रहे
अधरो पर सबके मुस्कान रहे
हर हाथ यंहा कुछ कर्म करे
कांटे पथ के चुनते रहना
दीप दीवाली के तुम.………
दीप अवलि जग रोशन करती
अमावस  को पूनम सा करती
छूकर हर मन का कोना
तुम जगमगाते रहना
दीप दीवाली के.…………
आपस में दुर्भाव ना रखते
मिलजुल कर गहरा  तम हरते
रंच दुराव छिपाव नही
मैत्री का आभास दिलाते रहना
दीप दीवाली के तुम यंही जलते रहना
ले प्रकाश खुशियो का
गलियो में निकलते रहना 

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